
लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को मंजूरी मिल गई है। लंबी बहस और हंगामे के बाद हुए मतदान में यह बिल 288 वोटों से पास हो गया, जबकि इसके विरोध में 232 वोट पड़े। विधेयक के पक्ष में एनडीए का संख्याबल निर्णायक साबित हुआ, वहीं विपक्ष के सभी संशोधन ध्वनिमत से खारिज कर दिए गए।
सदन में व्यक्तिगत सदस्यों द्वारा पेश किए गए संशोधनों पर पहले बारी-बारी से मतदान हुआ। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और AIMIM जैसे विपक्षी दलों के संशोधनों को बहुमत के अभाव में अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद यथा संशोधित वक्फ बिल पर अंतिम मतदान हुआ, जिसमें सरकार को स्पष्ट जीत हासिल हुई।
अब यह विधेयक गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 को संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां चर्चा और मतदान के बाद यह तय होगा कि बिल कानून का रूप लेगा या नहीं। सरकार ने इसे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और सुधार का कदम बताया है, जबकि विपक्ष ने इसे अल्पसंख्यक अधिकारों के खिलाफ करार दिया है।
लोकसभा में बहस के दौरान विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तो बिल की प्रति फाड़कर अपना विरोध दर्ज किया। दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हित में है और इसका मकसद वक्फ बोर्ड के कामकाज को बेहतर करना है।
राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत के लिए जरूरी संख्या है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट होकर सरकार को चुनौती देने की तैयारी में है। अब सबकी निगाहें कल के घटनाक्रम पर टिकी हैं।